आओ मिल कर शपथ उठायें

आज है आजादी का पर्व,
हमें शहीदों पर है गर्व,
जवानी में जीवन था गँवाया,
तभी आजादी का दिन आया।

बापू, नेहरू, ताँत्या टोपे,
नहीं था संयम अपना खोते,
बिन गोली-बंदूक लड़ाई,
सारी दुनिया को थी भाई।

छाती पर गोली खा कर के,
थी अनमोल आजादी पाई,
तुम सब छोड़ो झगड़े-टंटे,
समझो भाई को भाई।

बड़े यत्न से मिला हमें है,
अपने ही घर का अधिकार,
आपस में लड़ न इसे गँवाना,
करना इक-दूजे से प्यार।

आओ मिल कर शपथ उठायें,
एकता के हम गीत गायें,
शत्रु कभी न अवसर पाये,
मिल-जुल कर हम उसे भगायें।

–डॉ॰ अनिल चड्डा

हिन्दयुग्म पत्र

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