अम्मा जरा देख तो ऊपर
चले आ रहे हैं बादल,
गरज रहे हैं, बरस रहे हैं
दीख रहा है जल ही जल।
हवा चल रही क्या पुरवाई
झूम रही है डाली-डाली,
ऊपर काली घटा घिरी है
नीचे फैली हरियाली।
भीग...
मीठा होता खस्ता खाजा
मीठा होता हलुआ ताजा,
मीठे होते गट्टे गोल
सबसे मीठे, मीठे बोल।
मीठे होते आम निराले
मीठे होते जामुन काले,
मीठे होते गन्ने गोल
सबसे मीठे, मीठे बोल।
दोस्तों, बच्चों के प्यारे कवि सोहन लाल द्विवेदी...
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कविता-संग्रह । कवि- शुभम मंगला
ISBN- 978-93-81394-02-1
प्रकाशन वर्ष- 2011
प्रकार- हार्डबाउंड (HB) या सजिल्द
विधा- कविता, ग़ज़ल, नज़्म
कवि- शुभम मंगला
पृष्ठ- 120
कविताओं, ग़ज़लों की कुल संख्या-...