चाचा नेहरू ग्रेट हो तुम

फूल गुलाब का प्यारा था
‘अराम हराम है’ नारा था
सौहार्दय शांति के दूत थे तुम
भारत माता के सपूत थे तुम
आजीवन एक ही लीक रही
सबको मिलती बस सीख रही
सब लेकर हाथ किताब चलें
अपने पैरों पर आप चलें
बच्चा बच्चा स्वाभिमानी हो
और राष्ट्र हेतु बलिदानी हो
तुम ज्ञान गुणों के सागर थे
सचमुच के एक जवाहर थे
तुम अमर सभी के हो दिल में
बच्चों की हँसती महफिल में
चाचा नेहरू ग्रेट हो तुम
बच्चों के फेवरेट हो तुम

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