मेरा भारत प्यारा

फूल-फूल पर लिखा मिलेगा
मेरा भारत मुझको प्यारा।

कण-कण को जयघोष सुनाती
खिली हुई है हर फुलवारी।
वीरों की यह पावन धरती
सबके लिए बनी हितकारी
तुम चाहो, सौरभ ले जाओ।।
दे दूँ मैं गुलदस्ता न्यारा।

यहाँ हवाएं घर-आँगन में
दिन भर आती-जाती रहतीं।
आने वाले मेहमानों को
मीठा गीत सुनाती रहतीं।।
जाने वाला कह कर जाता
मैं लौटूंगा फिर दोबारा।

हंसी-ख़ुशी की हरियाली है
अमन-चैन की धूप सुहानी।
हर मौसम में प्यार घुला है,
चिड़ियाँ कहतीं प्रेम की बानी।।
सुनने वालों की आँखों में
झूला झूले गगन हमारा।

सात सुरों के लगते मेले
नित्य यहाँ पर साँझ-सवेरे।
अगला जन्म यहीं प्रभु देना
यदि फिर हों जीवन के फेरे।।
दो मीठे बोलों में बसता
अपना देश-प्रेम का नारा।

-सुधीर सक्सेना ‘सुधि’

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